पं. बिरजू महाराज न केवल एक बेजोड़ कथक नर्तक अपितु एक शानदार गायक, उदार शिक्षक, और कल्पनाशील चित्रकार भी हैं। यह पुस्तक हमें बताती है किभारतीय नृत्य का यह प्रतीक, जो हज़ारों लोगों का मार्गदर्शक और दुनिया भर में अनगिनत लोगों की प्रेरणा है, वास्तव में अपनी कलात्मक दुनिया के बाहर एकसहज, सरल व्यक्ति है।दुर्लभ छायाचित्रों से परिपूर्ण यह पुस्तक एक ऐसे महान कलाकार के प्रति हृदयानुभूत श्रद्धा की अभिव्यक्ति है, जिसकी अनेकउपलब्धियाँ न केवल भारत में, अपितु पूरे विश्व में उल्लेखनीय हैं। जिनके अथक प्रयासों ने अनगिनत लोगों के जीवन को छुअा है और शास्त्रीय नृत्य रूपकथक के बारे में जागरूकता का प्रचार-प्रसार िकया है।दंतकथा बन चुके कथक सिरमौर पंडित बिरजू महाराज के इस संस्मरण में उनके व्यक्तित्व कीएक-एक परत– उनकी सादगी, उनकी विनम्रता, उनकी उदारता– खुल कर सामने आती है।क़रीब 45 वर्षों से अधिक उनके सानिध्य में रह कर उनकी सबसे प्रमुखशिष्या शाश्वती सेन ने पं. बिरजू महाराज को जैसा देखा, समझा और जाना है, उसे स्पष्ट शब्दों बयाँ करने का भरसक प्रयास किया है।
Weight | 562 g |
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Dimensions | 243 × 185 × 13 mm |
Cover Type | Hardbound |