मक़बूल फि़दा हुसेन: इस नाम से जुड़े अनगिनत ख़याल और किस्से उन लोगों के ज़हन में हैं, जो किंवदंती बन चुके इस कलाकार की शख़्सियत से वाकि़फ़ हैं।माहिर चिकार, रंगीन व्यक्तित्व, अलग कि़स्म के फिल्मकार, महँगी से महँगी कारों के आशिक़, नंगे पाँवों चलने वाले चिकार, प्रेरणा देने वाली महिलाओं के बड़ेकद्रदान थे ये हुसेन! वे उन लोगों के लिए भी एक पहेली थे, जो उन्हें अच्छी तरह जानते थे। इसमें कोई संदेह नहीं कि हुसेन दुनिया के महानतम चिकारों में एकहैं। उनकी कला को समझने की कोशिश में कई किताबें लिखी गई हैं, मगर इस कि़ताब में अलग नज़रिया है। इसमें हुसेन के अनेक आयामों और उनके चिकारके पीछे के शस को सामने लाने की कोशिश की गई है। एम.एफ. हुसेन दरअसल रंक से राजा बनने की एक प्रेरक कथा है। वे हमेशा सच्चे कलाकार रहे। होर्डिंगबनाने, फर्नीचर डिज़ाइन करने, फिल्में बनाने या खाना बनाने में भी उनका हुनर साफ़ नज़र आता था। रचनात्मक अभिव्यक्ति मक़बूल के चिों में ही नहीं, बल्किखुद को बड़ा दर्जा देने वाले स्थानों और लोगों के प्रति प्रेम में भी नज़र आती थी। उनके चिों, रुचियों, निजी जीवन और दुखों पर रोशनी डालने वाली अनेकघटनाएँ हैं। इस किताब में उनके जीवन के इन्हीं कि़स्सों के जरिए इस बहुआयामी कलाकार के व्यक्तित्व पर रोशनी डालने की कोशिश की गई है।
Weight | 600 g |
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Dimensions | 240 × 185 × 14 mm |
Cover Type | Hardbound |